Lalu Yadav Biography in Hindi | लालू यादव का जीवन परिचय

लालू यादव का जीवन परिचय, परिवार, शिक्षा, भाषण कला, बेटे-बेटियां, राजनीतिक सफर, चारा घोटाला (Lalu Yadav biography in hindi, family, education, children, political career )

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लालू यादव का जीवन परिचय [Lalu Yadav Biography in Hindi]

लालू यादव भारत के सबसे चर्चित राजनेताओं में से एक हैं। वे बिहार राज्य के मुख्यमंत्री एवं UPA सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं। अपने राजनीतिक सफर के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के नाम से अपनी पार्टी बनाई और उसके अध्यक्ष बने। बहुचर्चित चारा घोटाला में उनका नाम आया और CBI की विशेष अदालत ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी।

लालू यादव की छवी एक हास्य नेता की है। अपने भाषण देने के चुटीले अंदाज़ को लेकर वो काफी लोकप्रिय हैं। इनकी भाषण शैली दूसरे राजनेताओं से अलग है और यही कारण है की उन्होंने हर तबके के लोगों के बीच अपनी पकड़ बनाई है।

 

लालू यादव का जन्म

लालू प्रसाद यादव का जन्म 11 जून 1948 को बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के फुलवरिया गाँव में एक यादव परिवार में हुआ था। उस समय उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब थी। हालाँकि अपने जन्म की तारीख की सही जानकारी लालू को भी नहीं है लेकिन सभी सरकारी दस्तावेजों में वह अपने जन्म की तारीख 11 जून ही अंकित करते आए हैं।

 

लालू यादव का परिवार

लालू प्रसाद यादव के पिता का नाम कुंदन राय एवं माता का नाम मरछिया देवी है। कुल छः भाई बहनों में वह दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने 1973 में राबड़ी देवी से विवाह किया। इन दोनों की नौ संतानें हैं। इनमें 7 बेटियाँ और 2 बेटे हैं।

उनके दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव उनके राजनैतिक उत्तराधिकारी के रूप में उनकी पार्टी को संभाल रहे हैं जबकि उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती राज्य सभा सांसद हैं। उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।

लालू यादव के बेटों के नाम

  1. तेजप्रताप यादव – बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में हसनपुर से विधायक हैं। पूर्व मंत्री चन्द्रिका प्रसाद राय की बेटी ऐश्वर्या राय से शादी हुई है।
  2. तेजस्वी यादव – बिहार के उप-मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में राघोपुर से विधायक और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं। इनकी पत्नी का नाम एलेक्सिस है।

लालू यादव की बेटियों के नाम

  1. मीसा भारती – राज्य सभा सांसद हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर शैलेश कुमार से शादी हुई है।
  2. रोहिणी आचार्य – औरंगाबाद ज़िले के राव रणविजय सिंह के बेटे से 2002 में शादी हुई है।
  3. चन्दा सिंह – 2006 में इंडियन एयरलाइन्स में पायलट थीं। विक्रम सिंह से शादी हुई है।
  4. रागिनी यादव – गाज़ियाबाद में राहुल यादव से शादी हुई है।
  5. हेमा यादव – विनीत यादव से शादी हुई है।
  6. अनुष्का राव (उर्फ़ धन्नू ) – चिरंजीव राव से शादी हुई है।
  7. राजलक्ष्मी सिंह – मुलायम सिंह यादव के भतीजे तेजप्रताप सिंह यादव से शादी हुई है।

 

लालू प्रसाद यादव की शिक्षा

लालू प्रसाद यादव का जन्म एक बेहद ही ग़रीब किसान परिवार में हुआ था। उन दिनों गावों में पढ़ाई के लिए उचित माहौल और संसाधन नहीं हुआ करते थे। इस कारण पढ़ाई करना बड़ा ही कठिन काम था। लालू की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से हुई। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वे अपने बड़े भाई के साथ पटना में रहने लगे। यहाँ उन्होंने बी एन कॉलेज से लॉ की डिग्री हासिल की और फिर राजनीति विज्ञान में एम ए किया।

आगे चलकर लालू ने बिहार वेटेरिनरी कॉलेज में कुछ दिन क्लर्क के रूप में भी काम किया। इस कॉलेज में उनके बड़े भाई चपरासी थे।

 

लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक सफर

लालू प्रसाद यादव 1970 में पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (PUSU) के महासचिव बने और इस तरह छात्र राजनीति में उनका पदार्पण हुआ। 1973 में वे PUSU के अध्यक्ष पद के लिए चयनित हुए। 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के खिलाफ छात्र आंदोलन शुरू हुआ। लालू भी इसमें सक्रिय रूप से शामिल हुए। PUSU के द्वारा बिहार छात्र संघर्ष समिति का गठन किया गया और लालू को इसका अध्यक्ष बनाया गया।

छात्र आंदोलन के दौरान लालू बड़े नेताओं के संपर्क में आए और छपरा से जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने 1977 में लोकसभा का चुनाव पहली बार लड़ा और जीते। उस समय लालू की उम्र मात्र 29 वर्ष थी और भारतीय संसद के सबसे युवा सदस्यों में वह शामिल थे।

हालाँकि जनता पार्टी की सरकार ढाई वर्ष में ही गिर गई और 1980 में दोबारा चुनाव कराया गया। इस बार लालू को हार का सामना करना पड़ा। इसी वर्ष हुए बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने नामांकन किया और जीतकर विधानसभा के सदस्य बने। 1989 में कर्पूरी ठाकुर की मृत्यु होने के बाद उन्हें विपक्ष का नेता चुना गया। 1989 में ही उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा और सफल हुए।

1990 तक लालू ने पिछड़े वर्ग खासकर यादवों के नेता के रूप में अपनी पहचान बना ली थी। आगे चलकर उन्हें मुस्लिम वर्ग का भी पुरजोर समर्थन प्राप्त हो गया।

 

लालू प्रसाद यादव – बिहार के मुख्यमंत्री

लालू प्रसाद यादव 1990 में पहली बार बिहार राज्य के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 1995 के विधानसभा चुनावों में भी वे जीतकर आए और दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। लाल कृष्ण आडवाणी की रथ-यात्रा के दौरान 23 सितम्बर 1990 को लालू ने उन्हें समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया और रथ-यात्रा को रोक दिया। इस तरह लालू की छवि एक धर्मनिरपेक्ष राजनेता के रूप में स्थापित हो गई।

राष्ट्रीय जनता दल का गठन

काफी लम्बे समय तक जनता दल से जुड़े रहने के बाद लालू प्रसाद यादव जुलाई 1997 में इससे अलग हो गए। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नाम से अपनी एक अलग पार्टी बना ली और इसके अध्यक्ष बने। उन्होंने अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह लालटेन रखा।

चारा घोटाला में गिरफ्तारी होने के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया। 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल हार गई और इस तरह बिहार में सत्ता परिवर्तन हो गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी राजद की स्थिति ख़राब ही रही और इसके मात्र चार सांसद ही जीत सके। आगे चलकर यह स्थिति और बदतर हो गई और 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत सका। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने मिलकर महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ा। इसमें राजद के 75 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज़ की।

लालू प्रसाद यादव – रेल मंत्री

2004 में हुए लोकसभा चुनाव में लालू सांसद बने और UPA की सरकार बनाने में अहम् भूमिका निभाई। इस सरकार में उन्हें रेल मंत्री का पद मिला। इनके कार्यकाल में रेलवे, जो कई वर्षों से घाटे में चल रही थी, एक मुनाफा बनाने वाली कंपनी के रूप में उभरी। भारत के साथ-साथ विदेशों के भी कई प्रमुख मैनेजमेंट कॉलेजों में यह एक शोध का विषय बन गया।

 

चारा घोटाला

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 1997 में चारा घोटाला मामले में आरोप पत्र दाखिल किया। इस कारण उनको मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। हालाँकि उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया और अपरोक्ष रूप से शासन चलाते रहे। 3 अक्टूबर 2013 को इस घोटाले के लिए लालू को पाँच साल की क़ैद और 25 लाख रूपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई। यह मुक़दमा लगभग 17 वर्षों तक चला। लालू को सज़ा सुनाने वाले न्यायाधीश थे प्रवास कुमार सिंह।

भारतीय चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार लालू प्रसाद यादव सज़ा की तिथि से 11 साल तक किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। भारतीय इतिहास में संसद की सदस्यता गँवाने वाले वह पहले सांसद हैं।

इसके बाद फिर फ़रवरी 2022 में राँची स्थित डोरण्डा कोषागार से जुड़े चारा घोटाला एवं अवैध निकासी के लिए स्पेशल कोर्ट के जज एस के शशि ने उन्हें पाँच साल की क़ैद और 60 लाख रूपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई।

लालू की भाषण कला

भाषण देने के अपने विशेष अंदाज़ के कारण लालू प्रसाद यादव लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। चाहे उनके समर्थक हों या फिर उनके विरोधी सभी उनका भाषण बड़े चाव से सुनना पसंद करते हैं। अपनी बेबाकी के कारण कई बार वो विवादों में भी घिर चुके हैं। अपने एक भाषण  दौरान लालू ने बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों की तरह बना देने का वादा जनता से कर दिया। इस बात पर काफी बवाल मचा और उनकी किरकिरी भी हुई।

दोस्तों, उम्मीद है आपको लालू प्रसाद यादव का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़े रोचक तथ्य पढ़ने में अच्छा लगा होगा।

 

FAQs

लालू प्रसाद यादव एक भारतीय राजनेता हैं। वे बिहार के मुख्यमंत्री और भारत के रेल मंत्री रह चुके हैं।
लालू प्रसाद यादव की पत्नी का नाम राबड़ी देवी है। वो बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
लालू प्रसाद यादव के दो बेटे और सात बेटियां हैं।
उनकी राजनीतिक पार्टी का नाम राष्ट्रीय जनता दल है।

 

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