Draupadi Murmu Biography in Hindi | द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय – 2022

द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय, दैनिक जीवन, जन्म, परिवार, शिक्षा, राजनीतिक जीवन, पुरस्कार [ Draupadi Murmu biography in hindi, daily routine, birth, family, education, political career, awards ]

Draupadi Murmu Biography in Hindi | द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय

द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन गईं हैं। उन्हें कुल 676803 (64.03 % ) वोट मिले। वह NDA समर्थित उम्मीदवार थी जबकि UPA ने यशवंत सिन्हा का समर्थन किया था। यशवंत सिन्हा को 380177 (35.97 % ) वोट प्राप्त हुआ। इसके साथ ही वो भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति भी बन गयी हैं। वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। वह देश की सबसे युवा राष्ट्रपति भी बन गईं हैं। उनकी उम्र मात्र 64 वर्ष है।

आजाद भारत में पैदा होनेवाली वह पहली राष्ट्रपति हैं। साथ ही वह पहली ऐसी व्यक्ति हैं जो पार्षद से राष्ट्रपति पद तक पहुंची हैं। वह आज जिस मुकाम पर हैं उसके लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया है। 2009 से 2015 के दरम्यान उनके पति, दोनों बेटों, माँ और भाई की अलग अलग कारणों से मृत्यु हो गई। एक समय वह अंदर से काफी टूट चुकी थीं लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज देश के शीर्ष पद पर विराजमान हैं।

 

द्रौपदी मुर्मू का दैनिक जीवन

द्रौपदी मुर्मू बेहद सरल स्वभाव की महिला हैं और बहुत ही सरल ढंग से जीवन भी जीतीं हैं। उनके जीवन में अनुशासन का महत्वपूर्ण स्थान है। वह रोज़ सुबह 3 बजे ही उठ जाती हैं। नियमित रूप से योग और ध्यान करती हैं। शुरू से ही वह बहुत मेहनती एवं समय की पाबन्द रही हैं। योग और ध्यान के बाद वह नाश्ता करती हैं फिर अखबार और अध्यात्म से जुड़ी किताबें पढ़ती हैं। अध्यात्म से उन्हें लगाव है।

वह ब्रह्मकुमारी संस्था से भी जुड़ी हुई हैं। अपने साथ वह हमेशा एक अनुवाद की किताब और ब्रह्मकुमारी की एक किताब जरूर रखतीं हैं। वह विशुद्ध रूप से शाकाहारी हैं और प्याज लहसुन भी नहीं खाती हैं। उड़ीसा की एक विशेष मिठाई है चेन्ना पोड़ा जो उन्हें काफी पसंद है।

 

आँखें दान में दीं

उनकी सादगी और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है की राँची स्थित कश्यप मेडिकल कॉलेज के द्वारा आयोजित रन ऑफ़ विज़न कार्यक्रम में उन्होंने अपनी दोनों आँखें दान में देने की घोषणा कर दी।

 

द्रौपदी मुर्मू का जन्म

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। वह एक संथाल आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था। उनके दादा और फिर उनके पिता दोनों ही अपने समय में गांव के प्रधान थे।

 

द्रौपदी मुर्मू का परिवार

द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था। श्याम चरण भी भुवनेश्वर में ही रहकर पढ़ाई करते थे। वहीं दोनों की मुलाक़ात हुई थी। इनके दो बेटे और एक बेटी हुए। दुर्भाग्य से इनके पति और दोनों बेटों की अलग अलग कारणों से मृत्यु हो गई। उनकी एकमात्र पुत्री जिसका नाम इतिश्री है अभी भुवनेश्वर में रहती हैं और उनकी शादी हो चुकी है।

 

द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा

द्रौपदी मुर्मू की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्तर पर ही हुई है। 1969 से 1973 तक वो आदिवासी आवासीय विद्यालय में पढ़ीं। आगे चलकर उन्होने भुवनेश्वर स्थित रामा देवी महिला विश्वविद्यालय से स्नातक किया। वह अपने गांव की पहली महिला थीं जो स्नातक की पढाई करने भुवनेश्वर गई थीं।

पढाई पूरी होने के बाद 1979 से 1983 तक उड़ीसा सरकार के बिजली विभाग में इन्होने क्लर्क की नौकरी की। इसके बाद 1994 से 1997 तक बतौर शिक्षक इन्होने ऑरोबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में काम किया। इसके पश्चात 1997 से ही उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ।

 

राजनीतिक जीवन

द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रायरंगपुर के नगर पंचायत के पार्षद चुनाव से की। इस चुनाव में जीत दर्ज़ कर उन्होंने अपने राजनीति की शुरुआत की। वह भारतीय जनता पार्टी की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रह चुकी हैं। साथ ही वह भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

द्रौपदी मुर्मू ने 2000 और 2009 में भाजपा के टिकट पर मयूरभंज जिला के रायरंगपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। बीजू जनता दल और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार में उन्हें वाणिज्य मंत्री, परिवहन मंत्री और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन मंत्री भी बनाया गया।

 

झारखण्ड की राज्यपाल

मई 2015 में वह झारखण्ड की 9वीं राज्यपाल बनीं। इस तरह वो झारखण्ड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। इसके साथ ही पूरे देश में राज्यपाल बनने वाली वह पहली आदिवासी हैं। झारखण्ड राजभवन के बिरसा मंडप में आयोजित समारोह में झारखण्ड के मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने उन्हें शपथ दिलाई थी। उनका कार्यकाल 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक रहा।

राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा एवं अन्य पार्टियों ने उनका समर्थन किया। नामांकन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं एवं राजनाथ सिंह उनके प्रस्तावक थे।

 

द्रौपदी मुर्मू को प्राप्त पुरस्कार

द्रौपदी मुर्मू को 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए उड़ीसा विधानसभा द्वारा नीलकंठ पुरस्कार दिया गया था।

दोस्तों, उम्मीद है आपको द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय [Draupadi Murmu Biography in Hindi] लेख पसंद आया होगा।

 

FAQs

द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति हैं।
वह उड़ीसा राज्य से हैं।
उनका समर्थन NDA ने किया था।
वह 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखण्ड की राज्यपाल थीं।

 

इन्हें भी पढ़ें