कोरोना वायरस क्या है ? कोरोना कैसे फैलता है ?

क्या आपको पता है की कोरोना वायरस क्या है ? कोरोना कैसे फैलता है ? इस लेख में हम कोरोना के बारे में जानेंगे विस्तार से। 

 

कोरोना वायरस क्या है ?  

 कोरोना वायरस का संबंध वायरस के एक ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से सर्दी , खाँसी , बुखार , गले में खराश , दस्त , सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है । इस वायरस का संक्रमण सबसे पहले दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में शुरू हुआ था। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेज़ी से फैलता है, इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है।

इस वायरस की सतह पर कई मुकुट(crown) जैसे स्पाइक्स होने के कारण इसका नाम “कोरोना” दिया गया । कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी को हम COVID ( COrona VIrus DIsease ) कहते हैं ।  चूँकि इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी इसलिए इसे COVID-19 भी कहा जाता है। 

 

कोरोना कैसे फैलता है ?

कोरोना या Covid-19 के फैलने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

• जब कोई संक्रमित व्यक्ति आपके नजदीक (छः फीट के अंदर ) खांसता है, छींकता है, बात करता है या सांस लेता है तब वायरस उसके शरीर से हवा के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।  यह COVID-19 के फैलने का एक मुख्य तरीका माना जा रहा है।

• संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क (स्पर्श करने, हाथ मिलाने) से ।

• उन सतहों को छूने से जिन पर वायरस पहले से मौजूद है , फिर अपने हाथ धोने से पहले अपनी आंखों, मुंह या नाक को छूने से ।

          कोरोना वायरस मुंह, नाक या आंखों के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करता है । हमारे नासाछिद्र के पीछे और गले के पिछले हिस्से में श्लेष्मा झिल्ली तक जाता है। यह वहां की कोशिकाओं से जुड़ जाता है, तेजी से अपनी संख्या बढ़ाना शुरू कर देता है और फेफड़ों के ऊतकों (Tissues) में चला जाता है। वहां से यह शरीर के अन्य ऊतकों में भी फैल सकता है।

किसी व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने और इसके लक्षण दिखने के बीच का समय 2 से 14 दिनों तक हो सकता है। आम तौर पर औसतन 5 दिन में लक्षण दिखने लगते हैं । ये लक्षण बहुत हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। हालाँकि ज्यादातर रोगियों में , COVID-19 के केवल हल्के लक्षण ही देखने को मिलते हैं । अधिकांश संक्रमित लोग हल्के से मध्यम स्तर तक बीमार होते हैं और बिना अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हो जाते हैं ।

 

 COVID-19 के आम लक्षण :

• बुखार

• सूखी खाँसी

• थकान

• बदन दर्द

• गले में खराश

• दस्त

• आँख आना

• सरदर्द

• स्वाद या गंध का पता ना चलना

• त्वचा पर दाने 

 

COVID-19 के गंभीर लक्षण :

• सांस लेने में कठिनाई

• सीने में दर्द या दबाव

• बोलने में कठिनाई

           ऊपर के लक्षण यदि आप में दिखें तो सबसे पहले अपने आप को बाकी लोगों से अलग कर लें।  गंभीर लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए । हल्के लक्षण वाले लोग घर पर ही रहकर ठीक हो सकते हैं। 

 

 COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए क्या करें ?

• अपने हाथों को बार-बार साफ करें। साबुन और पानी, या अल्कोहल-आधारित हैंड रब का प्रयोग करें।

• खांसने या छींकने वाले किसी भी व्यक्ति से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।

• जब फिजिकल डिस्टेंसिंग संभव न हो तो मास्क पहनें।

• अपनी आंख, नाक या मुंह को न छुएं।

• खांसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह को मुड़ी हुई कोहनी या रुमाल से ढकें।

• अगर आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो घर पर रहें।

• यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई है, तो चिकित्सकीय सहायता लें।  

 

मास्क का प्रयोग :

            COVID-19 के प्रसार को रोकने में मास्क बहुत ही उपयोगी है।  हालाँकि अकेले मास्क COVID-19 से बचाव नहीं कर सकते हैं ।  इसके साथ ही हमें शारीरिक दूरी और हाथ की स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए। अपने स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई सलाह का पालन अवश्य करें।

 

अगर आपको COVID-19 है तो आप खुद की देखभाल कैसे करेंगे ?

• अपने आप को एक हवादार कमरे में अलग रखें।

• ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का उपयोग करें।  एक मास्क का उपयोग अधिक दिनों तक ना करें। 

• पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पीएं ।

• कम से कम 30 सेकंड तक साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं ।

• घर के अन्य लोगों के साथ व्यक्तिगत सामान साझा न करें ।

• कमरे में उन सतहों की सफाई करें जिन्हें अक्सर छुआ जाता है ( TV के रिमोट , दरवाजों के हैंडल आदि ) ।

• प्रतिदिन 3 – 4 बार अपने शरीर के तापमान की जाँच करें ।

• प्रतिदिन 3 – 4 बार एक पल्स ऑक्सीमीटर से अपने ऑक्सीजन लेवल की जाँच करें ।

• रोगी गर्म पानी से गरारे कर सकते हैं या दिन में दो बार भाप ले सकते हैं ।

• किसी भी तरह की असहजता महसूस होने पर चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें ।

 

COVID-19 के मरीज़ की देखभाल करने वालों के लिए निर्देश :

• देखभाल करने वाले को ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क पहननी चाहिए। 

• बीमार व्यक्ति या रोगी के वातावरण के संपर्क में आने के बाद हाथ को साबुन से धोना चाहिए।

• रोगी को संभालते समय डिस्पोजेबल दस्ताने का प्रयोग करें । दस्ताने उतारने से पहले और बाद में हाथों की सफाई करें ।

 

तत्काल चिकित्सा सहायता कब लेनी चाहिए ?

• सांस लेने में दिक्कत होना

• ऑक्सीजन लेवल में कमी ( SpO2 < 94% )

• सीने में लगातार दर्द/दबाव महसूस होना

• मानसिक भ्रम होना

        यदि उपर्युक्त लक्षण दिखें तो बिना देर किये तुरंत चिकित्सक से मिलें । 

 

COVID-19 जाँच करने के तरीके :

COVID-19 की जाँच के लिए मुख्यतः दो तरीक़े अपनाये जाते हैं –

 

1. आरटी – पीसीआर टेस्ट

आरटी-पीसीआर टेस्ट का पूरा नाम ‘रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेज चेन रिएक्शन’ टेस्ट है । इस विधि में कोरोना की जांच प्रयोगशाला में की जाती है । इसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। ज्यादातर सैंपल में नाक और गले के अंदर वाली परत से स्वैब लिया जाता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन इस टेस्ट को ज्यादा विश्वसनीय मानता है ।

 

2. रैपिड एंटीजन टेस्ट

          इस टेस्ट को कहीं भी किया जा सकता है । इसमें एक टेस्ट करने वाले स्ट्रिप का इस्तेमाल किया जाता है । संक्रमित व्यक्ति की नाक के अंदर से फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है । इस फ्लूइड को एक केमिकल में डाला जाता है और उसके बाद इस केमिकल को स्ट्रिप पर डाला जाता है ।

स्ट्रिप पर एक लाल रेखा आने पर रिपोर्ट निगेटिव मानी जाती है और स्ट्रिप पर यदि दो लाल रेखायें आती हैं तो व्यक्ति को संक्रमित माना जाता है ।  रैपिड एंटीजन टेस्ट के नतीजे 10 मिनट में ही आ जाते हैं । लेकिन इस टेस्ट को ज्यादा विश्वसनीय नहीं माना गया है । 

 

अगर कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो कब तक सेल्फ आइसोलेशन में रहना चाहिए ?

       अगर किसी का कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तो उसे तुरंत अपने आपको सबसे अलग कर लेना चाहिए । उसे कम से कम 15 दिनों तक सेल्फ आइसोलेशन रहना चाहिए । 15 दिनों के बाद दोबारा टेस्ट कराने पर यदि टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आए तो ही सबके संपर्क में आना चाहिए। 

 

भारत में COVID-19 के टीके :

      भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए मुफ्त टीकाकरण की व्यवस्था की है ।  फिलहाल दो कंपनियों के टीके – कोवैक्सिन ( covaxin ) और कोविशील्ड ( covishield ) भारतीय नागरिकों को दिए जा रहे हैं जबकि एक और टीका स्पुतनिक ( sputnik ) जल्द ही उपलब्ध हो जाएगा ।  टीकों के बारे में विस्तृत जानकारी निम्न है –

 

कोवैक्सिन

     कोवैक्सिन का निर्माण भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने Indian Council of Medical Research ( ICMR ) – National Institute of Virology ( NIV ) के सहयोग से किया है । इस वैक्सीन के 2 डोज़ कम से कम 28 दिनों के अंतराल पर लगाने होते हैं ।  इसे 2 – 8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है l

 

कोविशील्ड

   कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन है जिसका भारत में निर्माण वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जा रहा है । इस वैक्सीन के भी 2 डोज़ कम से कम 28 दिनों के अंतराल पर लगाने होते हैं ।  इसे 2 – 8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है । 

 

 

 

स्पुतनिक V-

    स्पुतनिक V मॉस्को के Gamaleya National Research Centre  द्वारा विकसित वैक्सीन है । इस वैक्सीन के 2 डोज़ 21 से 90 दिनों के बीच लगाने होते हैं । इसे 2 – 8 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है । अन्य समान टीकों के विपरीत , स्पुतनिक पहली और दूसरी खुराक के लिए वैक्सीन के दो अलग-अलग संस्करणों का उपयोग करता है ।

          टीका लगने के बाद शरीर विशेष रूप से कोरोनावायरस के अनुरूप एंटीबॉडी पैदा करना शुरू कर देता है । इसका मतलब यह है कि हमारे शरीर द्वारा हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कोरोनोवायरस से लड़ने के लिए तैयार किया जाता है तब जाकर शरीर वास्तविक रूप से कोरोना का सामना कर पाता  है।

 

क्या कोई अन्य टीका भी उपलब्ध है ?

उपरोक्त टीकों के अलावा कुछ और कंपनियां भी टिका विकसित कर परिक्षण के दौर में है , जैसे –

• ZyCov-Di, अहमदाबाद स्थित Zydus-Cadila द्वारा विकसित किया जा रहा है । 

• अमेरिका स्थित डायनावैक्स और बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के सहयोग से हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई ( पहली भारतीय निजी    वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ) द्वारा एक वैक्सीन विकसित किया जा रहा है ।

• हैदराबाद स्थित अमेरिकी फर्म जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा विकसित वैक्सीन उत्पादन के लिए तैयार है । 

• दवा कम्पनियाँ Pfizer और Moderna की वैक्सीनें भी जल्द भारत में उपलब्ध होंगी , ऐसी सरकार से उम्मीद की जा सकती है।

 

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