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वेब सीरीज – “द फैमिली मैन” सीजन – 2
कलाकार – मनोज बाजपेयी, सामंथा अक्किनेनी, प्रियामणि, सीमा विश्वास, शारिब हाशमी,  दलीप ताहिल, विपिन शर्मा, सन्नी  हिंदुजा, श्रीकृष्ण दयाल, शरद केलकर आदि
निर्देशक – राज निदिमोरू और कृष्णा डीके (राज एंड डीके), सुपर्ण एस वर्मा
ओटीटी – अमेजन प्राइम वीडियो

अमेजन प्राइम पर वेब सीरीज “द फैमिली मैन” का दूसरा सीजन स्ट्रीम हो रहा है। सीजन -1 के लगभग बीस महीने बाद इसे 4 जून को रिलीज किया गया है।

 

कहानी 

श्रीकांत तिवारी दिल्ली गैस अटैक में अपने आपको दोषी समझता है। दूसरी तरफ अपने परिवार को समय न देने के कारण पत्नी सुचि (प्रियामणि ) से हमेशा तकरार होती रहती है। इन कारणों से वह अपनी TASC की नौकरी छोड़ कर एक IT कंपनी में नौकरी करने लगता है।   सुचि को खुश करने के लिए वह खाना बनाता है और अपने बच्चों से बातें करने की कोशिश करता है। उस की यह जिंदगी बिल्कुल बोरिंग और रोमांचहीन है। उसका पहला प्यार, TASC , उसे हमेशा अपनी ओर खींचता है।  हालांकि उसका मित्र JK (शारिब हाशमी) उसे  TASC  के  गतिविधियों की सारी जानकारियाँ उसे देता रहता है।

इस बीच श्रीलंका की निर्वासित सरकार जिसका प्रमुख भास्करन  है, के एक सैनिक ठिकाने पर श्रीलंकाई सेना का हमला होता है और उसके कुछ कमांडर भाग कर भारत आ जाते हैं। इनमें भास्करन का छोटा भाई सुब्बु भी है। सुब्बु को पकड़ने का काम TASC को दिया जाता है। उसे गिरफ्तार करने में सफलता तो मिलती है लेकिन ले जाते वक़्त एक बम धमाका होता है और उसकी मौत हो जाती है। अपने भाई की मौत से भास्करन बौखला जाता है और बदला लेने की तैयारी करता है। वह भारत के प्रधानमंत्री श्रीमती बासु और श्रीलंका के प्रधानमंत्री लसिथ रुपातुंगा के बीच चेन्नई में होने वाली वार्ता में बम विस्फोट करने की साजिश रचता है।

दूसरी तरफ अपनी रोजाना की ज़िन्दगी से बोर हो चुका श्रीकांत कुछ घटनाओं के बाद फिर से TASC में शामिल हो जाता है। परिवार में विवाद और बढ़ जाते हैं। इसके बाद चेन्नई और मुंबई की पृष्ठभूमि में कहानी आगे बढ़ती है और अंत में श्रीकांत के काम के छींटे उसके परिवार तक पहुँच जाते हैं।  क्या वह भास्करन के मिशन को रोकने में सफल हो पाता है ? क्या वह अपने परिवार को बचा पाता है ? सभी सवालों के जवाब यहाँ देना ठीक नहीं होगा। मूवी देखते समय कहानी का रोमांच और सस्पेंस बना रहना चाहिए …..

 

रिव्यू 

मूवी का पहला सीजन देखने के बाद जो उम्मीदें दूसरे सीजन से दर्शकों ने लगा रखी थीं उसपर यह पूरी तरह से खरा उतरती है। बहुत ही गंभीर जासूसी थ्रिलर न होके यह दर्शकों को बीच बीच में हँसाती भी है। राज और डीके के साथ सुपर्ण वर्मा  ने उम्मीदों के मुताबिक इस सीजन को भी काफी रोमांचक रखा है। शुरू के 2 एपिसोड कुछ धीमी गति से चलते हैं लेकिन उसके बाद कहानी पूरी रफ्तार पकड़ लेती है। कहानी काफी कसी हुई है और अगर आपका फोकस चाय की चुस्की पर भी चला जाए तो कुछ मिस हो सकता है। इस बार श्रीकांत के व्यक्तिगत जीवन को भी पर्याप्त समय दिया गया है। दर्शक जिस रोमांच और थ्रिल की उम्मीद से मूवी देखने बैठेंगे उसमे उन्हें कहीं भी निराश नहीं होना पड़ेगा। हर एपिसोड आपको बांध कर रखेगा और एक के ख़त्म होने के बाद आप अगले को देखने से अपने को रोक नहीं पाएंगे। सीरीज में कुल 9 एपिसोड हैं। पहला एपिसोड 59 मिनट का है दूसरा  51 मिनट का है।  उसके बाद के एपिसोड आधे घंटे से  45 मिनट के बीच के हैं। अंतिम एपिसोड 1 घंटे से कुछ अधिक का है।

अभिनय 

यह सीरीज एक बार फिर से मनोज बाजपेयी के नाम है। श्रीकांत के किरदार में उन्होंने अपने जबरदस्त अभिनय से दर्शकों को अपना लोहा मनवाया है। तमिल आतंकी राजी के किरदार में सामंथा अक्किनेनी ने भी अच्छा परफॉरमेंस दिया है। हालाँकि उनका चेहरे पर आवश्यकता से अधिक गुस्सा और कमिटमेंट दिखाना कहीं कहीं बोर भी करता है। JK के किरदार में शारिब हाशमी ने फिर से अच्छा अभिनय किया है। प्रियामणि को इस बार ज्यादा समय नहीं दिया गया है। प्रधानमंत्री बासु के रूप में सीमा विश्वास ने भी अपनी छाप छोड़ी है। बाकी कलाकारों ने  भी पहले सीजन की तरह अपना बेहतरीन देने की कोशिश की है।

 

निर्देशन 

9 एपिसोड में राज और DK ने सिर्फ 4  एपिसोड (1st, 2nd, 6th, 9th) निर्देशित किया है। बाकी के 5 एपिसोड (3rd,4th,5th,7th,8th) सुपर्ण एस वर्मा के द्वारा निर्देशित किया गया है। कहानी पर इनकी पकड़ काफी मजबूत है और दर्शकों को बांध कर रखने में ये पूरी तरह सफल रहे हैं। हर एपिसोड काफी रोमांचक है और अगले एपिसोड को देखने की उत्सुकता पैदा करता है। कहानी की गति पूरी फिल्म में एक समान बनी रहती है जिसका पूरा श्रेय इसके निर्देशकों को जाता है।

 

कमियाँ 

कहानी को तमिल क्षेत्र से जोड़ने के लिए तमिल भाषा का प्रयोग कई जगहों पर किया गया है। शुरू के कुछ मिनट तो कहानी तमिल में ही चलती  है। सबटाइटल्स भी अंग्रेजी में आते  हैं।  इससे हिंदी भाषा के दर्शकों को कुछ परेशानी महसूस हो सकती है और उनके रोमांच में कमी आ सकती है। कुछ टॉप सीक्रेट बातें इतनी आसानी से किसी व्यक्तिविशेष (जैसे चेल्लम सर) द्वारा पता कर लेना गले नहीं उतरती है।

 

क्यों देखें 

एक अच्छी कहानी, कसा हुआ निर्देशन, जबरदस्त अभिनय एवं बेहतरीन कैमरा संचालन के लिए।

 

 

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