Metaverse kya hai in hindi (मेटावर्स क्या है), कैसे काम करता है, कब आएगा, कैसा दिखेगा, इसके प्रभाव क्या होंगे, चुनौतियां, virtual reality, augmented reality की पूरी जानकारी इस लेख में –
Contents
- 1 Metaverse kya hai (मेटावर्स क्या है) ?
- 1.1 सबसे पहले इस तरह का विचार किसने दिया ?
- 1.2 क्या Facebook का नाम बदल दिया गया है ?
- 1.3 Metaverse शब्द कहाँ से आया ?
- 1.4 Metaverse कैसा दिखेगा ?
- 1.5 Metaverse कब तक आएगा ?
- 1.6 Metaverse का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव होगा ?
- 1.7 Metaverse के आने से किन चुनौतियों का सामना करना होगा ?
- 1.8 क्या अन्य कंपनियां भी इस क्षेत्र में काम कर रही हैं ?
- 1.9 FAQs
Metaverse kya hai (मेटावर्स क्या है) ?
फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग ने एक ऑनलाइन आभासी दुनिया का निर्माण करने की घोषणा की है जिसे Metaverse(मेटावर्स) नाम दिया गया है। Metaverse (मेटावर्स) एक ऐसी आभासी दुनिया होगी जिससे हम कुछ devices की मदद से जुड़ सकेंगे। हालाँकि हमारी असल दुनिया की तरह इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होगा। इसमें जाकर हम अपना अवतार बना सकेंगे, उसे मनचाहा रूप दे सकेंगे और वो सारे काम कर सकेंगे जो हम वास्तविक दुनिया में करते हैं। ऐसा कह सकते हैं की यह सोशल मीडिया का ही अत्यंत विकसित स्वरुप होगा।
तकनीकी भाषा में कहें तो Metaverse एक तरह की mixed reality है जहाँ एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से जुड़ सकता है। कहने का मतलब कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल कर के एक बड़ा mixed reality बनाया जायेगा जिसमे Virtual Reality(VR) और Augmented Reality(AR) का उपयोग किया जायेगा।
Virtual Reality(VR) – आभासी दुनिया से जुड़ने के लिए हमें चश्मे की तरह का एक हेडसेट लगाना होगा। इसके माध्यम से ही हम आभासी दुनिया से रु-ब-रु हो सकते हैं। इसमें वास्तविक दुनिया से कोई संपर्क नहीं रहता है। यूँ कहें की 75% virtual और 25% real वातावरण का एहसास होगा। हालाँकि हमें बाहर की आवाजें सुनाई पड़ेंगी।
Augmented Reality(AR) – इस तकनीक में भी हेडसेट लगाना होता है लेकिन व्यक्ति आभासी दुनिया के साथ साथ वास्तविक दुनिया से भी जुड़ा रहता है। इसमें 75% real और 25% virtual environment होता है।
सबसे पहले इस तरह का विचार किसने दिया ?
ऐसा नहीं है की इस तरह का विचार सबसे पहले ज़ुकरबर्ग ने ही दिया है। Neal Stephenson (नील स्टीफेंसन) एक मशहूर अमेरिकी लेखक हैं जो मूलतः विज्ञान से जुड़ी कहानियाँ लिखते हैं। उन्होंने इस तरह की तकनीक के बारे में वर्ष 1992 में अपनी किताब “Snow Crash” में पहले ही बताया है। इसमें उन्होंने कुछ ऐसी ही कल्पना की थी जहाँ लोग कुछ उन्नत तकनीक, devices एवं sensors की मदद से एक दूसरे से जुड़ते थे।
वर्ष 1999 में आई एक फिल्म “Matrix” में भी इसी तरह की परिकल्पना दिखाई गई है। यह Wachowski बंधुओं द्वारा निर्देशित एवं Keanu Reeves द्वारा अभिनीत एक बेहद ही रोचक फिल्म है। इसमें कुछ लोग कंप्यूटर की मदद से एक आभासी दुनिया में प्रवेश करते हैं और इसी आभासी दुनिया का नाम Matrix है।
क्या Facebook का नाम बदल दिया गया है ?
Facebook के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग ने हाल ही में कनेक्ट-2021 कॉन्फ्रेंस में ये एलान किया है की Meta के नाम से एक नई कंपनी अस्तित्व में आएगी। फेसबुक कंपनी से जुड़े सारे ऍप्लिकेशन्स जैसे facebook, instagram, whatsapp, messenger की पेरेंट कंपनी अब Meta होगी। Metaverse भी इन सभी ऍप्लिकेशन्स के तरह ही एक ऍप्लिकेशन होगा जिसकी पेरेंट कंपनी Meta होगी।
Metaverse शब्द कहाँ से आया ?
‘Meta’ एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब होता है ‘after’ या ‘beyond’ और ‘verse’ universe शब्द का अंतिम भाग है। मतलब metaverse इस वास्तविक दुनिया से परे एक दूसरी दुनिया है।
Metaverse कैसा दिखेगा ?
Metaverse में एक आभासी दुनिया का निर्माण किया जायेगा। इसमें आपके ऑफिस होंगे, आपके घर होंगे, आपके कपड़े होंगे, घूमने फिरने की सारी जगहें होंगी और हर एक वो चीज़ जिसकी आपको जरुरत होगी सब उपलब्ध होंगे। यह हमारी दुनिया का ही एक आभासी प्रतिरूप होगा। आप अपने घर पर होते हुए भी दूर कहीं अपने दोस्त या रिश्तेदार से मिल सकते हैं। घर बैठे ही आप अपने ऑफिस में जाकर काम कर सकेंगे, मीटिंग में शामिल हो सकेंगे। आपको ऐसा महसूस होगा की आप अपने ऑफिस में ही हैं।
Metaverse में कोई व्यक्ति अपना प्रतिरूप बना सकता है और उसे कोई भी लुक दे सकता है। इस प्रतिरूप को वह कहीं भी भेज सकता है।
इस आभासी दुनिया में आप कोई भी सामान खरीद कर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कपड़े, मकान, बंदूक, कार वगैरह। हालाँकि इसके लिए आपको पैसे चुकाने होंगे।
Metaverse कब तक आएगा ?
Metaverse वास्तविक धरातल पर कब तक आएगा यह कहना अभी थोड़ा मुश्किल है। इस बात की कोई ठोस जानकारी अभी तक फेसबुक के द्वारा नहीं दी गयी है। चूँकि यह बहुत ही उन्नत तकनीक पर आधारित होगा और इसमें पूरी दुनिया का एक virtual प्रतिरूप तैयार करना होगा इसलिए इसके आने में कुछ साल लग सकते हैं।
Metaverse का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव होगा ?
Metaverse के आने से हमारे वास्तविक दुनिया के साथ साथ एक आभासी दुनिया भी अस्तित्व में आ जाएगी जिसमे जा कर हम अपने काम कर सकेंगे, मीटिंग्स में शामिल हो सकेंगे, अपने दोस्तों से मिल सकेंगे और ऐसे बहुत से काम कर सकेंगे जो हम असल दुनिया में करते हैं। बस एक हेडसेट लगा कर हम अपनी मनचाही जगह पर virtually पहुंच जायेंगे।
इस तरह की virtual दुनिया बनाने के लिए बहुत सारे आर्टिस्ट्स और ग्राफ़िक डिज़ाइनर्स की जरुरत होगी। इसलिए ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ सकती है। Metaverse में vrtual assets बनाने एवं डिज़ाइन करने वाली कंपनियां भी अस्तित्व में आएंगी।
आभासी दुनिया को रेगुलेट करने के लिए भविष्य में नए तरह के नियम एवं कानून भी बनेंगे।
Metaverse से जुड़ने के लिए हमें हेडसेट एवं अन्य devices को खुद से जोड़ना पड़ेगा। ऐसे devices का अधिक समय तक उपयोग हमारे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।
Metaverse के आने से किन चुनौतियों का सामना करना होगा ?
Metaverse एक तरफ जहाँ जीवन को बहुत ही आसान बना देगा वहीँ दूसरी तरफ हमें बहुत सी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
- प्राइवेसी – जब लोग virtually जुड़ेंगे और कुछ भी करेंगे जैसे घूमने जायेंगे, किसी से मिलने जायेंगे, मीटिंग में शामिल होंगे या कुछ निजी काम करेंगे तो यह सारी बातें metaverse में रिकॉर्ड होने की संभावना रहेगी। इससे लोगों की निजता ख़त्म होगी और इन सभी जानकारियों का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है।
- महंगे उपकरण की जरुरत – चूँकि वर्चुअल दुनिया से जुड़ने के लिए हेडसेट वगैरह की जरुरत होगी जो काफी महंगे हो सकते हैं इसलिए metaverse की पहुँच आम आदमी तक बनाना भी एक चुनौती होगी।
- तकनीक का विकास – आभासी दुनिया का निर्माण करने की कल्पना को साकार करने के लिए बहुत उच्च तकनीक की आवश्यकता होगी। इस तरह की तकनीक का विकास करना अपने आप में एक चुनौती है।
क्या अन्य कंपनियां भी इस क्षेत्र में काम कर रही हैं ?
ऐसा नहीं है की सिर्फ फेसबुक ही इस तरह की तकनीक विकसित कर रहा है। Epic Games नाम की एक कंपनी ने इस तरह का ही एक प्रोग्राम शुरू किया है जिसका नाम है Unreal Engine . माइक्रोसॉफ्ट का इसी से मिलता जुलता प्रोजेक्ट है – Project Mesh . गूगल ने भी इस ओर अपने कदम बढ़ा दिए हैं और उसके प्रोजेक्ट का नाम है Project Starline .
FAQs
Q : क्या फेसबुक का नाम बदल गया है ?
Ans : नहीं, फेसबुक का नाम नहीं बदला है लेकिन अब वो पेरेंट कंपनी नहीं रही। अब वो मात्र एक ऍप्लिकेशन है जो मेटा नाम की पेरेंट कंपनी के अंदर है।
Q : मेटावर्स कब तक अस्तित्व में आएगा ?
Ans : इसे अस्तित्व में आने में कुछ साल लग सकते हैं।
Q : क्या मेटावर्स के माध्यम से हम किसी से भी मिल सकेंगे ?
Ans : हाँ , इसके माध्यम से हम virtual दुनिया में किसी से भी मिल सकेंगे। बस शर्त इतनी होगी की वो व्यक्ति भी उस समय मेटावर्स से जुड़ा हो।
Q : क्या मेटावर्स में हम खुद का प्रतिरूप या अवतार बना सकेंगे ?
Ans : हाँ, मेटावर्स में अपना अवतार बना सकेंगे और उसे मनचाहा रूप भी दे सकेंगे।
Q : क्या मेटावर्स से जुड़ने के लिए किसी उपकरण की जरुरत होगी ?
Ans : हाँ, मेटावर्स से जुड़ने के लिए हेडसेट एवं कुछ सेंसरों की जरुरत होगी।
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Nice post