हिंदी दिवस 2022, हिंदी शब्द की उत्पत्ति, हिंदी दिवस मनाने की परंपरा कब शुरू हुई ? हिंदी को राजभाषा का दर्ज़ा दिलाने में किसका योगदान रहा ? हिंदी भाषा के पुरस्कार, हिंदी दिवस क्यों और कैसे मनाया जाता है ? हिंदी के समक्ष चुनौतियां….
Contents
- 1 हिंदी दिवस
- 1.1 हिंदी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई ?
- 1.2 हिंदी दिवस मनाने की परंपरा कब शुरू हुई ?
- 1.3 हिंदी को राजभाषा का दर्ज़ा दिलाने में किसका योगदान रहा ?
- 1.4 हिंदी भाषा में योगदान के लिए कौन से पुरस्कार दिए जाते हैं ?
- 1.5 हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है ?
- 1.6 हिंदी दिवस को कैसे मनाया जाता है ?
- 1.7 हिंदी के समक्ष चुनौतियाँ
- 1.8 FAQs
हिंदी दिवस
भारत में हर साल 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस मनाते हैं। हालाँकि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन हमारे देश में हिंदी दिवस 14 सितम्बर को ही मनाया जाता है।
हिंदी भाषा सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है। भारत की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करती है हिंदी। हमारे देश में कई भाषाएँ और बोलियाँ बोली जाती हैं लेकिन उनमे सबसे प्रमुखता से हिंदी ही बोली जाती है। यहाँ करीब 77 प्रतिशत लोग हिंदी भाषी हैं। हिंदी एक ऐसी भाषा है जो पुरे विश्व में बसे भारतीय मूल के लोगों को एक सूत्र में जोड़ने का काम करती है। हिंदी के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात ये है की यह पूरे विश्व में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।
हिंदी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई ?
हिंदी भाषा का नाम फ़ारसी शब्द ‘हिन्द’ से आया है। हिन्द का अर्थ है ‘सिंधु नदी की भूमि’। तुर्की के आक्रमणकारियों ने 11वीं शताब्दी के शुरुआती दौर में सिंधु नदी के आस पास के क्षेत्र को हिन्द नाम दिया। हिन्द क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा को हिंदी नाम दिया गया।
हिंदी दिवस मनाने की परंपरा कब शुरू हुई ?
14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। भारत के संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में बताया गया कि भारत की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। हिंदी के महत्व को लोगों को बताने के लिए 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मानाने का निर्णय लिया गया। हालांकि आधिकारिक तौर पर पहली बार हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। तब से लेकर आज तक हम प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मानते हैं।
हिंदी को राजभाषा का दर्ज़ा दिलाने में किसका योगदान रहा ?
हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिलाने में मैथिलि शरण गुप्त, काका कालेलकर, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्द दास आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हिंदी के उत्थान के लिए महात्मा गाँधी ने भी काफी प्रयास किये थे। हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 1960 में केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना की।
हिंदी भाषा में योगदान के लिए कौन से पुरस्कार दिए जाते हैं ?
हिंदी भाषा में योगदान के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष राजभाषा गौरव पुरस्कार एवं राजभाषा कीर्ति पुरस्कार दिया जाता है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार
राजभाषा गौरव पुरस्कार विज्ञान एवं तकनीक के विषय पर लिखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को दिया जाता है। इसके अंतर्गत दस हजार से लेकर दो लाख रुपये तक के 13 पुरस्कार दिए जाते हैं। प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले को दो लाख रूपए, द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को डेढ़ लाख रूपए एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को पचहत्तर हजार रुपये मिलते हैं। इसके अलावा दस लोगों को प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में दस-दस हजार रूपए दिए जाते हैं। पुरस्कृत होने वाले सभी लोगों को स्मृति चिह्न भी दिया जाता है। इस पुरस्कार का मूल उद्देश्य विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में हिन्दी भाषा को आगे लाना है।
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार के अंतर्गत कुल 39 पुरस्कार दिये जाते हैं। यह पुरस्कार किसी समिति, विभाग आदि को उसके द्वारा हिन्दी में किए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य सरकारी कार्यों में हिन्दी भाषा के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है।
हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है ?
सैकड़ों वर्षों की ग़ुलामी झेलते झेलते भारतीय जनमानस में हिंदी की स्मृति धूमिल पड़ गयी थी। पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में हम अपनी पहचान खो गए थे। देशवासियों के बीच अंग्रेजी के बढ़ते प्रचलन और हिंदी की उपेक्षा को देखते हुए हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी का उपयोग होता है।
हिंदी दिवस को कैसे मनाया जाता है ?
हिंदी दिवस को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न संस्थानों के द्वारा जगह जगह पर कई तरह के समारोह आयोजित किये जाते हैं। हिंदी साहित्य सम्मलेन, हिंदी कविता एवं कहानी प्रतियोगिता, विचार गोष्ठी, वाद-विवाद, हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता आदि के द्वारा लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाता है। हिंदी भाषा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सरकार इस दिन पुरस्क़ृत भी करती है। इसके अलावा भारत सरकार 15 दिनों का हिंदी पखवाड़ा भी मनाती है।
हिंदी के समक्ष चुनौतियाँ
आज के समय में जिस तरह से पश्चिमी सभ्यता हावी होते जा रही है हिंदी को अपने ही देश में अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। फिर चाहे सोशल मिडिया हो या निजी स्कूल, कॉलेज या ऑफिस हर जगह लोग अंग्रेजी को ही प्राथमिकता से इस्तेमाल करते हैं। कुछ ऐसे भी लोग मिल जायेंगे जो हिंदी के उपयोग करने में अपनी हीनता समझते हैं। इन सब से ऐसा लगता है की कहीं हिंदी कालांतर में विलुप्त न हो जाये!
इसलिए सभी से निवेदन है कि वे अपनी बोलचाल की भाषा में हिन्दी का उपयोग अधिक से अधिक करें। इस मामले में हमें चीन, जापान, जर्मनी जैसे देशों से सीखने की जरुरत है। इन देशों में सभी कार्य वे अपनी मातृभाषा में ही करते हैं। अतः हम सभी को मिलकर हिंदी भाषा के उत्थान के लिए समुचित प्रयास करना होगा एवं इसे एक नई ऊँचाई तक पहुँचाना होगा।
दोस्तों, इस पोस्ट के माध्यम से हमने हिंदी दिवस 2022 के बारे में बताने का प्रयास किया है। आज के समय में जब लोग अंग्रेजी बोलने में अपनी शान समझते हैं हिंदी को हमें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। सभी भाषाओँ का सम्मान करना चाहिए लेकिन अपनी मातृभाषा के उपयोग में यदि हमें शर्मिंदगी महसूस होने लगी है तो यह एक गंभीर विचारणीय विषय है।
FAQs
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